Class 10th Geography Chapter 1 Vvi Question Answer: भारत संसाधन एवं उपयोग प्रश्न उत्तर
नमस्कार दोस्तों यदि आप भी कक्षा दसवीं में स्टडी कर रहे हैंतो आपके लिए यह लेख काफी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आप सभी को ज्योग्राफी यानी भूगोल का वैसा क्वेश्चन लेकर आए हैं जो हर साल परीक्षा में पूछे जाते हैं और इस आर्टिकल में हम आपको चैप्टर वन का पूरा सब्जेक्टिव शॉर्ट एवं लॉन्ग क्वेश्चन बिल्कुल सटीक औरमानवीय भाषा में बताने वाले हैं तो आप लोग इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें और हो सके जितना आप लोग क्वेश्चन को याद करें और अपना कॉपी में नोट जरूर करें
Class 10th चैप्टर1 : भारत संसाधन एवं उपयोग
प्रश्न 1. संसाधन को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर– संसाधन का अर्थ बहुत व्यापक है। जिन साधनों से मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है और उनका जीवन स्तर उन्नत होता है, वे सभी साधन संसाधन कहलाते हैं। संसाधनों में प्राकृतिक तथा मानवीय संसाधन, सभी आ जाते हैं।
प्रश्न 2. संभावी एवं संचित कोष संसाधन में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर– ऐसे ज्ञात संसाधन, जिनका उपयोग अभी तक नहीं किया गया है, वे सभी संभावी संसाधन हैं। जैसे बहुत गहराई में रहने वाले संसाधन, पवन ऊर्जा तथा सौर ऊर्जा आदि । ठीक इसके विपरीत वैसे संसाधन जो ज्ञात भी हैं और साधारण तकनीक के आधार पर उनका उपयोग किया जा सकता है, किन्तु भविष्य के लिए सुरक्षित रखा गया है, उन्हें संचित कोष संसाधन कहते हैं।
प्रश्न 3. संसाधन संरक्षण की उपयोगिता को लिखिए।
उत्तर– संसाधन संरक्षण की उपयोगिता यह है कि संसाधनों से मानव अधिकाधिक लाभान्वित होता रहे। संसाधन संरक्षण से ही अगली पीढ़ी लाभान्वित हो सकती है। जबतक बन पड़े हम आयात से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते रहें और अपने संसाधनों को सुरक्षित रखे रहें। इससे हमारी भावी पीढ़ी को किसी अन्य पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा।
प्रश्न 4. संसाधनों का क्या महत्त्व है?
उत्तर– संसाधनों का महत्त्व यह है कि उनके उपयोग से ही मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। संसाधनों के अन्तर्गत भौतिक तथा जैविक दोनों प्रकार के पदार्थ आ जाते हैं। अब मानव को भी एक संसाधन मांना गया है। मानव ही संसाधनों को उपयोग योग्य बनाता है, जिनके उपयोग से मानव अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। इसी से मानवीय सभ्यता का विकास होता है। पहले जहाँ यात्रा के लिए बैलगाड़ी या घोड़ा का उपयोग होता था, वहीं अब द्रुतगामी रेलगाड़ी तथा वायुयान तका का उपयोग होने लगा है।
प्रश्न 5. संसाधनों के वर्गीकरण के आधार क्या हैं? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर– संसाधनों के वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित हैं
- उत्पत्ति के आधार पर जैव तथा अजैव ।
- उपयोगिता के आधार पर नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय ।
- स्वामित्व के आधार पर – व्यक्तिगत, सामुदायिक, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय ।
- विकास की स्थिति के आधार पर संभाव्य, विकसित तथा संचित ।
प्रश्न 4. संसाधन नियोजन क्या है?
उत्तर– यदि सही कहा जाय तो संसाधनों का विवेकंपूर्ण उपयोग ही ‘संसाधन नियोजन’ है। अतः इसके लिए प्राथमिकता है कि संसाधनों का विवेकपूर्ण दोहन हो। किसी देश के विकास के लिए संसाधनों का नियोजन अति आवश्यक है। इससे वर्तमान की आवश्यकताएँ तो पूरी होंगी ही, भविष्य में हमारी अगली पीढ़ी भी उनका लाभ उठा सकेंगी।
प्रश्न 5. संसाधन नियोजन के सोपानों को किस रूप में बाँटकर अध्ययन किया जाता है ?
उत्तर-संसाधन नियोजन के सोपानों को निम्नलिखित पाँच रूप में बाँटकर अध्ययन किया जाता है:
- देश के विभिन्न राज्यों में संसाधनों की पहचान कर सर्वेक्षण कराना ।
- सर्वेक्षण के बाद मानचित्र तैयार करना ।
- संसाधनों का गुणात्मक तथा मात्रात्मक आधार पर आकलन करना ।
- संसाधन विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए उपयुक्त तकनीक, कौशल एवं संस्थागत नियोजन की रूपरेखा तैयार करना।
- राष्ट्रीय विकास योजना तथा संसाधनों के विकास की योजनाओं के बीच समन्वय स्थापित करना।
प्रश्न 6. संसाधनों के संरक्षण के संदर्भ में भारतीय चिन्तकों और समाजसेवियों ने क्या कहा तथा क्या किया ?
उत्तर– संसाधनों के संरक्षण के संदर्भ में महात्मा गाँधी ने कहा था कि “हमारे पास पेट भरने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन पेटी भरने के लिए नहीं।” इसका अर्थ संग्रह नहीं करने की ओर है। मेधा पाटेकर ने ‘नर्मदा बचाओ’ अभियान चलाया था। सुन्दर लाल बहुगुणा ने. ‘चिपको आन्दोलन’ चलाकर वृक्षों के संरक्षण का मुहिम चलाया। संदीप पाण्डेय ने वर्षा जल संग्रह या संचय करने का अभियान चलाकर कृषि भूमि की सिंचाई के विस्तार का महत्वाकांक्षी अभियान चलाया था।
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