Class 10th Matric Vvi Question Answer 2025 : मैट्रिक वायरल क्वेश्चन पेपर 2025
नमस्कार दोस्तों यदि आप भी मैट्रिक परीक्षा 2025 में देने वाले हैं और आप लोग को अच्छा अंक चाहिए और आप लोग पढ़ाई भी अच्छे से नहीं कर पाए हैं तो आप लोग के लिए काफी बेहतर प्रश्न लेकर आ चुके हैं यदि आप लोग इस प्रश्न को ध्यान दे देते हैं तो आपका एक भी क्वेश्चन नहीं छूट पाएगा दोस्तों तो आप लोग नीचे दिए गए क्वेश्चन को आप लोग याद अपने कॉपी में नोट जरूर करें क्योंकि परीक्षा का समय काफी कम बच्चा हुआ है तो आप लोग जितना हो सके रिवीजन करने का प्रयास करें.
Class 10th Vvi Question Answer 2025
प्रश्न 1. लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन कहाँ हो सकते हैं और क्यों?
उत्तर– लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन गाँवों में हो सकते हैं, क्योंकि गाँवों में ही भारत की आत्मा निवास करती है, जहाँ कलकत्ता, बम्बई, मद्रास तथा अन्य शहरों जैसी बनावटी चमक-दमक नहीं मिलती, बल्कि वहाँ जीवन की सादगी, त्याग, प्रेम, उत्कृष्टतम पारस्परिक संबंध आदि देखने को मिलते हैं।
प्रश्न 2. भारत को पहचान सकने वाली दृष्टि की आवश्यकता किनके लिए वांछनीय है और क्यों?
उत्तर- भारत को पहचान सकने वाली दृष्टि की आवश्यकता यूरोपियन लोगों के लिए वांछनीय है, क्योंकि भारत दो-तीन हजार वर्ष पूर्व जिन प्राचीन समस्याओं से ग्रस्त था, आज का भारत भी ऐसी ही अनेक समस्याओं से ग्रस्त है जिनका समाधान उन्नीसवीं सदी के हम यूरोपियन लोगों के लिए उस भारत को पहचान करने की जरूरत है, ताकि उसका विकास तथा पोषण सही ढंग से किया जा सके।
प्रश्न 3. लेखक ने किन विशेष क्षेत्रों में अभिरूचि रखने वालों के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है?
उत्तर– लेखक ने वैसे लोगों के संबंध में कहा है जो भू-विज्ञान, वनस्पति-जगत, पुरातत्व, दैवत्व-विज्ञान, नीति-शास्त्र, धर्म आदि में रूचि रखते हैं, उनके लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि भू-वैज्ञानिकों के लिए हिमालय से श्रीलंका तक का विशाल भू- प्रदेश है तो वनस्पति-वैज्ञानिकों के लिए भारत एक ऐसी फुलवारी है जो हकर्स जैसे अनेक वनस्पति वैज्ञानिकों को अनायास ही अपनी ओर आकृष्ट कर लेती है। इसी प्रकार जिसकी अभिरूचि जीव-जन्तुओं के प्रति है, उन्हें भारतीय समुद्रतट पर हेकल की भाँति निवास करना होगा तथा पुरातत्व प्रेमी को जनरल कनिंघम की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की वार्षिक रिपोर्ट का अध्ययन करना होगा और बौद्ध सम्राटों द्वारा निर्मित (नालंदा जैसे) विश्वविद्यालयों अथवा विहारों के ध्वंसावशेषों को खोदना होगा, तभी भारत की विशेषताओं की सच्ची जानकारी मिल सकेगी। तात्पर्य यह कि भारत के विशेष क्षेत्रों की जानकारी रखने वालों को भारत में निवास करना होगा, तभी इन विशेष-क्षेत्रों की विशेषताओं का पता चलेगा।
प्रश्न 4. लेखक ने वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित किस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का हवाला दिया और क्यों ?
उत्तर– लेखक ने वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित उस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के संबंध में बताया है कि जब हेस्टिंग्स भारत का गवर्नर जनरल था। उसे 172 दारिस नामक सोने के सिक्कों से भरा एक घड़ा मिला था। उसने उन सिक्कों को अपने मालिक ईस्ट इण्डिया कंपनों के निदेशक मंडल ने मेवा में इर्यालए भेजवा दिया कि यह एक ऐसा उपहार होगा जिसकी गणना उसने दलभ वस्तुओं में होगी। वह स्वय को अपने मालिक की दृष्टि में एक महान उदार व्यक्ति साबित करना चाहता था, किंतु कंपनी के निदेशक उनका ऐतिहासिक महत्त्व नहीं समझने के कारण उन दुर्लभ प्राचीन मुद्राओं को गला डाला। जब हेस्टिंग्स इंग्लैंड लौटा तो वे स्वर्ण मुद्राएँ नष्ट हो चुकी थीं। इसीलिए लेखक ने हेस्टिंग्स से संबंधित दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का हवाला दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और इंगलैंड वाले ऐसी ऐतिहासिक दुर्लभ वस्तुओं के महत्त्व को समझें ।
प्रश्न 5. लेखक ने नीतिकथाओं के क्षेत्र में किस तरह भारतीय अवदान को रेखांकित किया है?
उत्तर– लेखक ने नीतिकथाओं के क्षेत्र में भारतीय अवदान के विषय में कहा है कि भारत ने ही विश्व को नीति कथाओं के माध्यम से नवजीवन का संचार किया। ये नीतिकथाएँ भारत के कारण ही समय-समय पर नानाविध साधनों एवं मार्गों द्वारा पूर्व से पश्चिम की ओर जाती रही है। लेखक का कहना है कि पाश्चात्य देशों ने बौद्ध धर्म को अपने यहाँ की कहावतों तथा दंत कथाओं का प्रमुख स्रोत माना है। ‘शेर की खाल में गधा’ जैसी कहावत के संबंध में लेखक का तर्क यह है कि यह भी संस्कृत की एक कथा से सर्वांश मिलती-जुलती एक कहानी है। यह यूनान कैसे पहुँची तथा ईसा पूर्व चौथी सदी में स्ट्रटिस की कहानियों में कैसे स्थान पा गई, एक विचारणीय प्रश्न है। लेकिन ये सब कथाएँ पूर्व से ही आई हैं। लेखक की ऐसी मान्यता है।
प्रश्न 6. भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक संबंध के प्राचीन प्रमाण लेखक ने क्या दिखाए हैं?
उत्तर– भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक संबंध के बारे में लेखक का कहना है कि सोलोमन के समय में ही भारत तथा सीरिया और फिलीस्तीन के मध्य आवागमन के साधन सुलभ हो चुके थे। साथ ही, संस्कृत शब्दों के आधार पर लेखक इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि हाथी-दाँत, बन्दर, मोर और चन्दन आदि जिन वस्तुओं के निर्यात की बात बाइबल में कही गई हैं, वे भारत के सिवा किसी अन्य देश में उपलब्ध नहीं थीं। ‘शाहनामा’ के रचनाकाल दसवीं-ग्यारहवीं शताब्दी में भी भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक संबंध थे।
प्रश्न 7. भारत की ग्राम पंचायतों को किस अर्थ में और किनके लिए लेखक ने महत्त्वपूर्ण बतलाया है? स्पष्ट करें।
उत्तर-भारत की ग्राम पंचायतों को लेखक ने स्थानीय स्व-शासन के अर्थ में लिया है। यह ऐसी प्रणाली है जिसमें ग्रामीण अपना शासन खुद करते हैं। इसमें किसी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होता। सारे गाँववासी अपनी समस्या के समाधान के लिए मिल- बैठकर निर्णय लेते हैं। ऐसी व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिए विशेष महत्त्वपूर्ण है जो राजनीतिक इकाइयों के निर्माण, और विकास से संबद्ध प्राचीन युग के कानून के पुरातन रूपों के महत्त्व तथा वैशिष्ट्य को परख सकने की क्षमता प्राप्त करना चाहते हैं।
प्रश्न 8. धर्मों की दृष्टि से भारत का क्या महत्त्व है?
उत्तर– लेखक की मान्यता है कि धर्मो की दृष्टि से भारत का विशेष महत्त्व है, क्योकि यह ब्राह्मण अथवा वैदिक धर्म की भूमि है, बौद्ध धर्म की जन्म भूमि है, पारसियों के जरथुष्ट धर्म की शरणस्थली है। तात्पर्य यह कि वेद-रचना के कारण वैदिक धर्म की स्थापना हुई तो भगवान बुद्ध का जन्म भारत में ही हुआ था। उनका सिद्धान्त बौद्ध धर्म के रूप में प्रचारित हुआ। पारसी धर्म के संस्थापक जरधुष्ट ने अपने धर्म के प्रचार के लिए इसे विशेष उपयुक्त माना था, इसलिए यह उस धर्म की शरण स्थली है
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